Khetri के विधायक डॉक्टर जितेंद्र सिंह जो फिलहाल सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं लेकिन अब की बार अशोक गहलोत ने उनका भी टिकट काट लिया है और उनकी जगह कांग्रेस में मनीषा गुर्जर को टिकट दिया गया है। तीन खेतड़ी के विधायक रह चुके हैं लेकिन इस बार अशोक गहलोत ने विश्वास करने से मना कर दिया जिसके बाद इनका टिकट काट लिया गया है लेकिन फिर भी इन्होंने काफी अच्छे से पिछले चुनाव में जीत हासिल नहीं की थी लगभग 900 वोटों से विजयी हुए थे।
कौन है मनीषा गुर्जर जिसको टिकट दिया गया
मनीषा पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर की बेटी है जिसने कांग्रेस से टिकट की मांग रखी थी और इस आधार पर इनका टिकट भी दिया गया है। मुख्यमंत्री ने पूरे विश्वास के साथ टिकट देकर विश्वास को बढ़ाने के लिए जीतने का भरोसा दिलाया अब देखने की बात है उनके सामने बीजेपी से धर्मपाल गुर्जर को टिकट दिया गया है जो उनके रिश्ते में चाचा लगते हैं।
मनीषा गुर्जर के पिता दाताराम गुर्जर पूर्व में खेतड़ी के विधायक रह चुके हैं तब यह काफी अच्छे से जीते हुए दिखाई देते थे लेकिन कई सालों से स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण चुनाव रैलियां से बाहर थे। इनका परिवार भाजपा से संबंध रखता है लेकिन इस बार इन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा है अब देखने की बात है कि चाचा भतीजी मैदान में लड़ रहे हैं किसके जीत होती है।
सीएम के सलाहकार डॉक्टर जितेंद्र सिंह को टिकट क्यों नहीं दिया
काम की बात करें तो बहुत काम कराया है लेकिन फिर भी पिछली चुनाव में लगभग 900 वोटो से जीत हासिल करी थी जिसको मध्य नजर देते हुए इस बार ऐसा लग रहा था शायद इस चुनाव में हार जाते इसकी बदौलत Khetri के अंदर टिकट महिला कैंडिडेट को सबसे ऊपर रखा गया है ताकि जीत हासिल हो सके।
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मनीषा गुर्जर को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने काफी विरोध जताया है और सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की चेतावनी भी दे डाली क्योंकि इससे पहले कई बड़े नेता हैं जिनको टिकट मिलना चाहिए था जिन में से पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर व कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष गोकुलचंद सैनी ने इसका विरोध बताया है उन्होंने कहा है कि उनसे पहले काफी बड़े नेता है उनको क्यों टिकट नहीं दिया गया।